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सब्जी फसलों की गुणवत्तापूर्वक पौध उत्पादन तकनीकियाँ 

सब्जियों में बहुत सी महत्वपूर्ण सब्जी फसलों को पहले पौधशाला में बीज बोकर पौध तैयार की जाती है तथा फिर तैयार पौध की खेत में रोपायी करके खेती की जाती है।सब्जी पौधशाला एक ऐसा स्थान है जहां पर सब्जियों की पौध तैयार की जाती है तथा पौधों को खेत में लगाने तक उनकी विशेष देखभाल की जाती है।अधिकतर सब्जी फसलें जैसे कि टमाटर, बैंगन, शिमला मिर्च, मिर्च, फूलगोभी, बंदगोभी, ब्रोकोली, गांठ गोभी, चाईनीज बंदगोभी व प्याज जिनके बीज छोटे व पतले होते है। सब्जियों को शुरुआत विकास के दौरान विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इनकी स्वस्थ व उन्नत पौध तैयार कर लेना ही आधी फसल उगाने के बराबर होता है।बेहतर देखभाल के लिए इन सब्जियों को शुरुआत में नर्सरी में बोया जाता है और बीज बुआई के लगभग एक महीने के बाद मुख्य क्षेत्र में प्रत्यारोपित किया जाता है। कुछ किसान पौध उत्पादन का प्रशिक्षण लेकर विभिन्न सब्जियों की उन्न्त पौध तैयार कर एक स्वतंत्र व्यवसाय खड़ा कर अपनी आमदनी भी बढ़ा सकते हैं।अ‍च्छी सफल फसल उगाने के लिये पौध का स्वस्थ होना आवशयक है।

 

ग्रीनहाउस खेती क्या है

ग्रीन हाउस खेती खेती की एक ऐसी तकनीक है। जिसमें मौसमी फसलों के साथ हम गैर मौसमी फसलों की खेती भी कर सकते हैं। यह सालभर फसल और फूलों की उपज की वृद्धि को समृद्ध बनाने में मदद करता है। यह फसलों की रक्षा करने और उन्हें कीटों के साथ-साथ बीमारियों से मुक्त रखने और हर समय विकास को बनाए रखने में मदद करता है। इस प्रकार की खेती की सबसे खास बात यह है कि इसमें बहुत कम मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है।भारत दुनिया में ग्रीनहाउस तकनीक का इस्तेमाल करके खेती करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है।